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संगीत गयान lesson 2.(थाट क्या है जानीए)
हैलौदोस्तों मैं गुरविंदर मान सवागत करता हूं हमारे ब्लॉग Sangeetgyanhindi.blogspot.com पर।
जैसा कि हमने संगीत गयान lesson 1 हारमोनीअम और उसके सवरों के बारे में जाना था तो उसके बाद इस संगीत गयान lesson 2. में उससे आगे जानेंगे।
सबसे पहले जानेंगे थाट के बारे में।
1. थाट
सवरों का वह समूह जिससे राग उत्पन होते हों उसे थाट कहते हैं।
indian classical music में कुल 10 थाट बताये गये हैं।
कोई भी गाना जो हम सुनते हैं वह गाना किसी निश्चित राग में बनाया /गाया जाता है और वह राग 10 में से किसी एक थाट से लिया जाता है।
एक थाट से अनेकों राग उत्पन होते हैं।
थाट के नियम।
1. थाट गाया बजाया नहीं जाता।
2. थाट से राग पैदा होते है।
3.थाट में सात सवर होने जरूरी हैं।
4.थाट के सवर क्रम अनुसार होते हैं।
5.थाट में केवल आरोह का होना जरूरी है।
6.थाट में वादी संवादी सवरों की आवश्यकता नहीं है।
indian classical music में कुल 10 थाट बताये गये हैं जो नीचे दिए गए चित्र में आपको दिखाया गया है।
जिन सवरों के उपर सीधी लाइन ( । ) खींची जाती है। उन्हें तीव्र सवर कहा जाता है। और एक ही तीव्र सवर है (म तीव्र).।
और जिन सवरों के नीचे लाइन ( - ) खींचकर दिखाया जाता है वह कोमल सवर होते हैं।
और बाकी शुद्ध सवर (स रे ग म प ध नी सं)
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(1.) थाट विलावल
इस थाट में सभी शुद्ध सवर ही लगते हैं।
स, रे, ग, म, प, ध, नी, सं
(2.)थाट खमाज
इस थाट में नी कोमल और बाकी सभी सवर शुद्ध लगते हैं।
स, रे, ग, म, प, ध,नी, सं
(3.)थाट कल्याण
इस थाट में र्म तीव्र और बाकी सभी शुद्ध सवर लगते हैं।
स, रे, ग, र्म, प, ध, नी, सं
(4.)थाट काफी
इस थाट में ग और नी कोमल और बाकी सभी शुद्ध सवर लगते हैं
स, रे, ग, म, प, ध, नी, सं
(5.)थाट भैरवी
इस थाट में रे, ग, ध, नीकोमल और बाकी शुद्ध सवर लगते हैं।
स, रे, ग, म, प, ध , नी, सं
(6.) थाट तोड़ी
इस थाट में रे, ग, ध कोमल और र्म तीव्र और बाकी शुद्ध सवर लगते हैं।
(7.)थाट असावरी
इस थाट में ग, ध, नी कोमल और बाकी सभी शुद्ध सवर लगते हैं।
स, रे, ग, म, प, ध, नी, सं
(8.)थाट भैरव
इस थाट में रे और ध कोमल और बाकी सभी शुद्ध सवर लगते हैं।
(9.)थाट पूरवी
इस थाट में रे और ध कोमल और र्म तीव्र और बाकी सभी शुद्ध सवर लगते हैं।
स, रे , ग, र्म, प, ध, नी, सं
(10.) थाट मारवा
इस थाट में रे कोमल और र्म तीव्र और बाकी सभी शुद्ध सवर लगते हैं।
स,रे , ग, र्म, प, ध, नी, सं
दोसतो यह थे सभी 10थाट जिनमें से अनेकों रागों की उत्पत्ति होती है।
और यह सभी थाट हमें अच्छे से याद करने हैं।
और रागों में से अनगिनत गानों की कमपोजिशनस बनती हैं। जो हम गाते/सुनते हैं।
राग कया होता है उसके बारे में आप अगले lesson में पड़ सकते हैं।
जिसका लिंक नीचे दिया गया है।
also read click here =>>संगीत गयान हिंदी lesson #3(अलंकार कया है जानीए)
also read click here =>>संगीत गयान हिंदी lesson#4(राग कया है जानीए)
तो दोस्तों आशा है कि यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।
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धन्यवाद urs #Gurwinder_Maan
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