संगीत गयान lession3. (अलंकार कया है जानीए)

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संगीत गयान lession3. (अलंकार कया है जानीए) 

हैलौ दोस्तों मैं गुरविंदर मान सवागत करता हूं हमारे ब्लॉग Sangeetgyanhindi.blogspot.com पर। 
यहां पर आपको step by step संगीत की Basic knowledge मिलेगी। 
तो दोस्तों हमने lession1 और lession2 में हारमोनीअम,   सवरों, और थाट के बारे में जाना था।
तो उसके बाद आते हैं lession3  पर।
और lession3 में हम जानेगे अलंकार के बारे में। 

1. अलंकार 

तो दोस्तों अलंकार कया है। 
सवरों की नियम बद्ध की गयी रचनाओं को अलंकार कहते हैं। 
इसे गायन का आभूषण भी कहते हैं। 
जिस तरह स्त्री आभूषणों के बिना शोभा नहीं पाती उसी तरह अलंकार के बिना संगीत भी शोभा रहित है। 
और अलंकार से संगीत में सोंदर्य पैदा होता है। 
नीचे अलंकार दिये गये हैं उन्हें अपने हारमोनीअम निकालें अपने कानों से उन्हें अच्छी तरह से सुने और उस सवर के साथ  अच्छी तरह से अपनी आवाज को मिला कर अलंकार का नियमित अभ्यास करने से आपको सवर का गयान होगा और आपका गला भी धीरे-धीरे गाने लायक बनने लगेगा। 
ध्यान रहे आपको अलंकार का अभ्यास हारमोनीअम के मध्य सपतक के (सा) से करना है। 
हारमोनीअम पर सवर उपर की जाने को (आरोह) 
और उपर से नीचे आने को (अवरोह) कहते हैं। 

 (1.)

आरोह  =  स, रे, ग, म, प, ध, नी, सं
अवरोह =  सं, नी, ध, प, म, ग, रे, स

(2.)

आरोह  = सस, रेरे, गग, मम, पप, धध, नीनी, संसं
अवरोह = संसं, नीनी, धध, पप, मम,गग, रेरे, सस

(3.)

आरोह  = सरेग, रेगम, गमप, मपध, पधनी, धनीसं
अवरोह = संनीध, नीधप, धपम, पमग, मगरे, गरेस

(4.) 

आरोह  = सरेगम, रेगमप, गमपध, मपधनी, पधनीसं
संनीधप = संनीधप, नीधपम, धपमग, पमगरे, मगरेस

(5.)

आरोह  = सरेगमप, रेगमपध, गमपधनी, मपधनीसं
अवरोह = संनीधपम, नीधपमग, धपमगरे, पमगरेस

(6.)

आरोह  = सरेसरेग, रेगरेगम, गमगमप, मपमपध, पधपधनी, धनीधनीसं
अवरोह = संनीसंनीध, नीधनीधप, धपधपम, पमपमग, मगमगरे, गरेगरेस

(7.)

आरोह  = सरेगरेग, रेगमगम, गमपमप, मपधपध, पधनीधनी, धनीसंनीसं
अवरोह =  संनीधनीध, नीधपधप, धपमपम, पमगमग, मगरेगरे, गरेसरेस

(8.) 

आरोह  = सग, रेम, गप, मध, पनी, धसं
अवरोह = संध, नीप, धम, पग, मरे, गस

(9.)

आरोह  = सम, रेप, गध, मनी, पसं
अवरोह = संप, नीम, धग, परे, मस

(10.)

आरोह = सरेरेसरे, रेगगरेग, गममगम, मपपमप, पधधपध, धनीनीधनी, नीसंसंनीसं
अवरोह = संनीनीसंनी, नीधधनीध, धपपधप, पममपम, मगगमग, गरेरेगरे, रेससरेस

(11.)

आरोह  = सरेग,सरेगम,रेगम,रेगमप,गमप,गमपध,मपध,मपधनी,पधनी,पधनीसं
अवरोह =
संनीध, संनीधप, नीधप, नीधपम, धपम, धपमग, पमग, पमगरे, मगरे, मगरेस

(12.)

आरोह  = सरेगग, रेगमम, गमपप, मपधध, पधनीनी, धनीसंसं
अवरोह =  संनीधध, नीधपप, धपमम, पमगग, मगरेरे, गरेसस

(13.)

आरोह = सरेगगग, रेगममम, गमपपप, मपधधध, पधनीनीनी, धनीसंसंसं
अवरोह = संनीधधध, नीधपपप, धपममम, पमगगग, मगरेरेरे, गरेससस

(14.)

आरोह  = सरे,रेग,गम,मप,पध,धनी,नीसं
अवरोह = संनी, नीध, धप, पम, मग, गरे, रेस

(15.)

आरोह = सरेरेसरे, रेगगरेग, गममगम, मपपमप, पधधपध, धनीनीधनी, नीसंसंनीसं
अवरोह = संनीनीसंनी, नीधधनीध, धपपधप, पममपम, मगगमग, गरेरेगरे, रेससरेस

(16.) 

आरोह  =
 स, 
सरेस,
सरेगरेस, 
सरेगमगरेस, 
सरेगमपमगरेस, 
सरेगमपधपमगरेस, 
सरेगमपधनीधपमगरेस, 
सरेगमपधनीसं ।

अवरोह =
सं, 
संनीसं, 
संनीधनीसं, 
संनीधपधनीसं, 
संनीधपमपधनीसं, 
संनीधपमगमपधनीसं, 
संनीधपमगरेगमपधनीसं, 
संनीधपमगरेस।
तो दोस्तों। यह सभी अलंकारों का अभ्यास आपको नियमित रूप से करना है। 
इससे गला गाने लायक और सवरों की समझ और हारमोनीअम पर उगलीयां सही से चलने लगेंगी। 
अगले lession का लिंक नीचे दिया गया है। 

also read click here=>> संगीत गयान lesson #4


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