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संगीत ज्ञान lesson 4 (राग कया होता है जानीए)
हैलौ दोस्तों मैं गुरविंदर मान सवागत करता हूं हमारे ब्लॉग Sangeetgyanhindi.blogspot.com पर ।
दोस्तों संगीत गयान lession3 के बाद आते हैं संगीत गयान lesson4 पर और जानते हैं राग के बारे में।
राग
दोस्तों कोई भी ग़ज़ल गीत कव्वाली भजन या कोई भी किसी तरह का भी अलाप लगाया जा बजाया जाता है वह किसी निश्चित राग में बना हुआ होता है कोई भी किसी तरह का भी गाना राग के अंदर ही बनाया और गाया जाता है और वह ध्वनि जो स्वर और वर्ण से सज कर मनुष्य के मन को रंजन करें उसे राग कहते हैं।
(1.)राग के नियम इस प्रकार हैं
(1.) राग किसी थाट से उत्पन्न होता है।
(2.) किसी भी राग में स स्वर वर्जित नहीं होता।
(3.) म और प स्वर में से राग में एक का होना जरूरी है।
(4.) राग में कम से कम पांच और अधिक से अधिक सात स्वर होने चाहिए।
(5.) राग में रंजकता का होना जरूरी है।
(6.) राग में एक स्वर के दो रूप शुद्ध कोमल एक साथ नहीं लिए जाते।
(7.) प्रत्येक राग का वादी संवादी गायन समय होना जरूरी है।
(8.) प्रत्येक राग में आरोह अवरोह दोनों का होना जरूरी है।
2. राग की जाति
राग में लगने वाले स्वरों की संख्या के आधार पर जब हम राग की पहचान करते हैं तो उसे राग की जाती कहते हैं।
जाति के आधार पर रागों की संख्या का पता चलता है।
राग की मुख्य तीन जातियां हैं और तीनों जातियों की तीन-तीन उपजातियां हैं।
(1.) औडव
जिस राग में पांच स्वर लिए जाते हो और दो स्वर वर्जित हो उसे औडव जाति का राग कहते हैं। जैसे राग भूपाली।
(2.) षाडव
जिस राग में 6 स्वरों का प्रयोग होता है और उस राग में एक स्वर वर्जित हो उसे षाडव जाती का राग कहते हैं जैसे मारवा, पूरिया, सोहनी आदि।
(3.) सम्पूर्ण
जिस राग में कोई भी स्वर वर्जित नां करके सातों स्वर प्रयोग हो उसे संपूर्ण जाति का राग कहते हैं जैसे कल्याण, बिलावल आदि।
3. इसके अलावा राग के आरोह अवरोह के आधार पर राग की 9 उपजातियां हैं जो इस तरह है।
(1.) सम्पूर्ण-सम्पूर्ण
जिस राग के आरोह और अवरोह दोनों में सात स्वर होंउसे सम्पूर्ण-सम्पूर्ण कहते हैं।
(2.) सम्पूर्ण-षाडव
जिस राग के आरोह में सात और अवरोह में 6 सवर प्रयोग हो उसे सम्पूर्ण-षाडव कहते हैं।
(3.) सम्पूर्ण-औडव
जिसके आरोह में 7 और अवरोह में 5सवर प्रयोग हों उसे सम्पूर्ण-औडव कहते हैं।
(4.) षाडव-सम्पूर्ण
जिसके आरोह में 6 और अवरोह में 7 स्वर प्रयोग होते हो उसे षाडव-संपूर्ण कहते हैं।
(5.) षाडव-षाडव
इसमें आरोह अवरोह में दोनों में 6-6 स्वर प्रयोग होते हैं।
(6.) षाडव-औडव
इसमें आरोह में 6 और अवरोह में पांच स्वर प्रयोग होते हैं।
(7.) औडव-औडव
इसमें आरोह अवरोह दोनों में 5-5 स्वर प्रयोग होते हैं।
(8.) औडव-षाडव
इसमें आरोह में 5 और अवरोह में 6 स्वर प्रयोग होते हैं।
(9.) औडव-सम्पूर्ण
इस के आरोह में 5 और अवरोह में 7 स्वर प्रयोग होते हैं।
also read click here=>>संगीत गयान हिंदी lesson #5
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