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संगीत गयान lession 6 (राग यमन कल्याण)
हैलौ दोस्तों मैं गुरविंदर मान सवागत करता हूं हमारे ब्लॉग Sangeetgyanhindi.blogspot.com पर
दोस्तों पिछले lession5 में आपको राग भैरव के बारे में बताया गया था तो आज lession6 में आपको राग यमन कल्याण के बारे में बताया जाएगा।
राग यमन कल्याण
राग यमन कल्याण, कल्याण थाट का आशरय राग है।
इस राग को गाने/वजाने का समय रात्रि का पहला पहर है।
इस राग की जाती सम्पूर्ण-सम्पूर्ण है।
वादी सवर (ग) संवादी सवर (नी) है।
थाट = कल्याण थाट का अशरध राग
सवर = म तीव्र बाकी सभी सवर शुद्ध
वादी सवर = ग
संवादी सवर = नी
जाती = सम्पूर्ण-सम्पूर्ण
समय = रात्री का प्रथम पहर
आरोह = स, रे, ग (म तीव्र) प, ध, नी, स
अवरोह = सं, नी, ध, प, (म तीव्र) , ग, रे, स
पकड़ = नी रे ग, प (म तीव्र) ग रे, नी रे स
बंदिश बोल
वीणा मोरी झननन बाजे
मधुर रागनी सवर अलापे
नील गगन में नव रंग छाए
मधुर गीत बन पंछी गाए।
नीचे राग यमन कल्याण बंदिश को लिपिबद्ध करके दिखाया गया है, जो कि तबले के साथ तीन ताल में गाई जाती है।
राग यमन कल्याण की इस बंदिश में गाई जाने वाली तानें नीचे
दी गई हैं।
ताने
तान 8 मात्रे आधी लाईन बोलके।
(1.)
वीsणाs मोsरीs = नीरेगरे, गर्मपम, गर्मगरे, नीरेस
(2.)
वीsणाs मोsरीs = गर्मपध, पर्मगर्म, पर्मगरे, नीरेस
(3.)
वीsणाs मोsरीs = र्मपनीसं, नीनीधप, संनीधप, र्मगरेस
(4.)
वीsणाs मोsरीs = संनीसंसं,नीसंनीप,र्मपगर्म,गरेस
तान 16 मात्रे पुरी लाईन बोलके।
(1.)
वीsणाs मोsरीs झननन बाsजेs=नीरेगरे, गर्मपर्म, गर्मगरे, नीरेस
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आशा है कि आपको राग यमन कल्याण के बारे में यह जानकारी अच्छी लगी होगी।
संगीत संबंधित और जानकारी के लिए visit करते रहीए हमारे ब्लॉग पर।
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1 Comments
Sir apka YouTube channel kya hai hum aapse seekhna chahte hain
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